या कुन्देदुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता.....
सरस्वती सरसिजकेसरप्रभा तपस्विनी सितकमलासनप्रिया |
घनस्तनि कमलविलोललोचना मनस्विनी भवतु वरप्रसादिनी ||४||
सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि |
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ||५||
सरस्वती नमस्तुभ्यं सर्वदेवि नमो नम: |
शान्तरूपे शशिधरे सर्व योगे नमो नम: || ६ ||
नित्यानन्दे निराधरे निष्कलायै नमो नम: | |
विद्याधरे विशालाक्षि शुध्धजाने नमो नम: || ७ ||
शुध्ध स्फ़टिकरुपायै सूक्ष्मरूपे नमो नम: |
शब्दब्रहिम चतुर्हस्ते सर्वसिध्यै नमो नम: || ८ ||
मुक्तालङ्कृत सर्वाङ्ग्यै मूलाधारे नमो नम: |
मूलमन्त्र स्वरुपायै मूलशक्त्यै नमो नम: || 9 ||
मनोन्मनि महाभोगे वागिश्वरी नमो नम: |
वाग्मयै वरदहस्तायै वरदायै नमो नम: || १0 ||
वेदायै वेदरुपायै वेदान्तायै नमो नम: |
गुणदोष विवर्जिन्यै गुण दिप्त्यै नमो नम: || ११||
सर्वज्ञानै सदानन्दे सर्वरूपे नमो नम: |
समपन्नायै कुमार्यै च सर्वज्ञे नमो नम: || १२ ||
योगनार्य उमादेव्यै योगनन्दे नमो नम: |
दिव्यज्ञान त्रिनेत्रायै दिव्यमूर्त्यै नमो नम: ||१३ ||
अर्धचन्द्रजटाधारि चन्द्रबिम्बे नमो नम: |
चन्द्रादित्यजटाधारि चन्द्रबिम्बे नमो नम: ||१४||
अणुरूपे महारूपे विश्वरुपे नमो नम: |
या कुन्देदुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना |
या ब्रह्माच्युतशन्करप्रभुतिभिर्देवैसदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती नि: शॆष जाड्यापहा || १ ||
दोर्भियुक्ताचतुर्भि: स्फ़टिकमणिनिभै रक्षमालन्दधाना
हस्तेनैकेन पद्मं सितमपिच शुकं पुस्तकं चापरेण |
भासा कुन्देन्दु शङ्ख स्फ़टिकमणिनिभा भासमानाज्समाना
सा मे वाग्देवतेयं निवसतु वदने सर्वदा सुप्रसन्ना ||२||
सुरासुरैस्सेवितपादपङ्कजा करे विराजत्कमनीयपुस्तका |
विरिञ्चिपत्नी कमलासनस्तिथा सरस्वती नृत्यतु वाचि मे सदा || ३||
सरस्वती सरसिजकेसरप्रभा तपस्विनी सितकमलासनप्रिया |
घनस्तनि कमलविलोललोचना मनस्विनी भवतु वरप्रसादिनी ||४||
सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणि |
विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे सदा ||५||
सरस्वती नमस्तुभ्यं सर्वदेवि नमो नम: |
शान्तरूपे शशिधरे सर्व योगे नमो नम: || ६ ||
नित्यानन्दे निराधरे निष्कलायै नमो नम: | |
विद्याधरे विशालाक्षि शुध्धजाने नमो नम: || ७ ||
शुध्ध स्फ़टिकरुपायै सूक्ष्मरूपे नमो नम: |
शब्दब्रहिम चतुर्हस्ते सर्वसिध्यै नमो नम: || ८ ||
मुक्तालङ्कृत सर्वाङ्ग्यै मूलाधारे नमो नम: |
मूलमन्त्र स्वरुपायै मूलशक्त्यै नमो नम: || 9 ||
मनोन्मनि महाभोगे वागिश्वरी नमो नम: |
वाग्मयै वरदहस्तायै वरदायै नमो नम: || १0 ||
वेदायै वेदरुपायै वेदान्तायै नमो नम: |
गुणदोष विवर्जिन्यै गुण दिप्त्यै नमो नम: || ११||
सर्वज्ञानै सदानन्दे सर्वरूपे नमो नम: |
समपन्नायै कुमार्यै च सर्वज्ञे नमो नम: || १२ ||
योगनार्य उमादेव्यै योगनन्दे नमो नम: |
दिव्यज्ञान त्रिनेत्रायै दिव्यमूर्त्यै नमो नम: ||१३ ||
अर्धचन्द्रजटाधारि चन्द्रबिम्बे नमो नम: |
चन्द्रादित्यजटाधारि चन्द्रबिम्बे नमो नम: ||१४||
अणुरूपे महारूपे विश्वरुपे नमो नम: |
अणिमाद् यष्टसिध्धायै आनन्दायै नमो नम: || १५ ||
ज्ञान विज्ञान रुपायै ज्ञानमूर्ते नमो नम: |
नानाशास्त्र स्वरुपायै नाना रूपे नमो नम: || १६ ||
पद्मजा पद्मवंशा च पद्मरूपे नमो नम: |
परमेष्ठयै परामूर्त्यै नमस्ते पापनाशिनी || १७ ||
महादेव्यै महाकाल्यै महालक्ष्म्यै नमो नम: |
ब्रह्मविष्णुशिवायै च ब्रह्मनार्यै नमो नम: || १८ ||
कमलाकरपुष्पा च कामरूपे नमो नम: |
कपालिकर्मदिप्तायै कर्मदायै नमो नम: || १९ ||
सायं प्रात: पठेन्नित्यं षण्मासात्सिद्धिरुच्यते |
चोरव्याघ्रभयं नास्ति पठतां शृण्वतामपि || २० ||
इत्थं सरस्वती स्तोत्रमगत्स्यमुनि वाचकम् |
सर्वसिद्धिकरं नृणां सर्वपापप्रणाशनम् || २१ |
(संपूर्ण )
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