Friday, February 25, 2011

Guruji Ni Mala - Gujarati Bhajan


gau#PnaI maaLaa

gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co DaokmaaM
naarayaNa naamanaI hao, maaLaa Co DaokmaaM
pa`BauPnaa naamanaI hao, maaLaa Co DaokmaaM

JUZuM baaolaaya nahI M, KaaoTuM laovaaya nahI M,
AvaLau calaaya nahI M hao, maaLaa Co DaokmaaM,
gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co DaokmaaM
 
k`aoQa kdI qaaya nahI M, parnao inaMdaya nahI M,
kao{nao duBaaya nahI M hao, maaLaa Co DaokmaaM,
gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co DaokmaaM

parnao paIDaya nahI M, huM – pad Qaraya nahI M,
paapanao paaoYaaya nahI M hao, maaLaa Co DaokmaaM,
 gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co Daokmaa

sauKamaaM Ckaya nahI M, du:KamaaM rDaya nahI M,
Baikta Baulaaya nahI M hao, maaLaa Co DaokmaaM,
gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co Daokmaa

Qana saMGaraya nahI M, Aoklaa Kavaaya nahI M,
Baod rKaaya nahI M hao, maaLaa Co DaokmaaM,
gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co Daokmaa

baaolyauM badlaaya nahI M, Tok tyaJaya nahI M,
kMZI laJvaaya nahI M hao, maaLaa Co DaokmaaM,
gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co Daokmaa

hirhranaMd kho satya caukaya nahI M,
naarayaNa ivasaraya nahI M hao, maaLaa Co DaokmaaM,
gau#Pnaa naamanaI hao, maaLaa Co Daokmaa

Harine Bhajta - Gujarati Bhajan

hirnao BaJtaaM

hirnao BaJtaaM hP kao{naI laaJ JtaaM naqaI JaNaIro
JonaI saurtaa SaamaiLayaanaI saaqa vado vaod vaaNaI ro ..... hirnao

vahalao ]gaayaao- pa`h\laad ihrNyakSyapa maayaao- ro
ivaBaIYaNanao AapyaMu raJ ravaNa saMhayaa-o ro ..... hirnao

vahalao narisaMh mahotaanao har haqaao haqa Aapyaao ro
Qau`vanao AapyauM AivacaLa raJ paaotaanaao krI sqapyaao ro ..... hirnao

vahalao maIraM tao baa{naaM zor hLaahLa paIQaaM ro
paaMcaaLaInaaM paUyaa- caIr paaMDva kama kIQaaM ro ..... hirnao

Aavaao hir BaJvaanaao lhavaao BaJna kao{ krSao ro
kr JaoDI kho pao`maladasa BaktaaonaaM du:Ka hrSao ro ..... hirnao

Wednesday, February 23, 2011

Mara Ghatma Birajta Shrinathji

maara GaTmaaM ibaraJtaa EaInaaqaP

maara GaTmaaM ibaraJtaa
EaInaaqaP, yamaunaaP, EaI mahapa`BauP.
maa#M manaDuM Co gaaokuLa vanaravana,
maara tananaa AaMgaiNayaamaaM taulasaInaaM vana.
maara pa`aNaPvana..... maara0

maara Aatamanaa AaMgaNao EaI mahakRYNaP. ³2´
maarI AaMKaao ivaSao igairQaarI ro QaarI. ³2´
maa#M tanamana gayauM Co Jonao vaarI ro vaarI.
maara Syaamamaurair..... maara0

maara pa`aNa qakI manao vaOYNava vahalaa. ³2´
inatya krtaa EaInaaqaPnao kalaa ro vaalaa. ³2´
maoM taao vallaBa pa`BauPnaaM kIQaaM Co dSa-na.
maa#M maaohI laIQauM mana..... maara0

huM taao inatya iva=lavarnaI saovaa ro k#M. ³2´
huM taao AaZo samaa korI zaMKaI ro k#M. ³2´
maoM taao icataDu EaInaaqaPnao carNao Qayau-M.
Pvana safLa kyau-M..... maara0

maoM taao Baikta ro maarga korao saMga ro saaGyaao. ³2´
manao QaaoLa kIta-na korao rMga ro laagyaao. ³2´
manao laalaanaI laalaI korao rMga ro laagyaao.
ko hIrlaao haqa laagyaao..... maara0

Aavaao PvanamaaM lahavaao frI kdI naa maLao. ³2´
vaaro vaaro maanavadoh kdI naa maLao. ³2´
forao laKa ro caaoraSaInaao maarao ro fLao.
manao maaohna maLao..... maara0

maarI AMta samaya korI sauNaao ro ArP. ³2´
laoJao carNaaomaaM EaInaaqaP, dyaa ro krI. ³2´
manao taoDaM ro yama koraM kdI na Aavao.
maarao naaqa taoDavao..... maara0

EaInaaqaP baaolaao EaIyamaunaaP baaolaao.
EaInaaqaP baaolaao EaIyamaunaaP baaolaao.

Tuesday, February 22, 2011

SHAMBHU SHARANE PADI STUTI



SaMBau carNao paDI

SaMBau carNao paDI maaMgau GaDIAo GaDI,
kYT kapaao, dyaa krI dSa-na iSava Aapaao.

tamao Baktaaonaa du:Ka hrnaara, SaMBau saaOnauM sada krnaara
huM taao maMd maita, taarI AkLa gaita,
kYT kapaao, dyaa krI dSa-na iSava Aapaao.

AMgao Basma smaSaananaI caaoLaI, saMgao raKaao sada BaUta TaoLaI
Baalao italak kyau-M, kMZo ivaYa Qayau-M,
AmaRta Aapaao, dyaa krI dSa-na iSava Aapaao.

naOita naOita JyaaM vaod kho Co, maa#M icataDuM tyaaM Javaa caaho Co.
saara JgamaaM Co tauM, vasau taaramaaM huM,
Saikta Aapaao, dyaa krI dSa-na iSava Aapaao.

huM taao AoklapaMqaI pa`vaasaI, CtaaM Aatmaa koma ]dasaI
qaakyaao maqaI ro maqaI karNa maLatauM naqaI,
samaJNa Aapaao, dyaa krI dSa-na iSava Aapaao.

Aapaao diYTmaaM taoJ AnaaoKauM, saarI saRiYTnao iSava #pa doKauM
maara manamaaM vasaao, AavaI hOyao vasaao,
SaaMita sqaapaao, dyaa krI dSa-na iSava Aapaao.

Friday, February 18, 2011

Shri Gayatri Chalisa

गायत्री चालीसा

(दोहा)  
ह्रीं श्रीं कलीं मेघा प्रभा, जीवन ज्योति प्रचंड 
शान्ति क्रान्ति जागृति प्रगति, रचना शक्ति अखंड
जगतजननी मंगल करनी, गायत्री सुखधाम 
प्रणवों सावित्री स्वधा, स्वाहा पूरण काम 

(चोपाई)
ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ युतजननी, गायत्री नित कलिमल दहनी
अक्षर चौविस परम पुनीता, इनमें बसे शास्त्र श्रुति गीता
शाश्वत सतोगुणी सतरूपा, सत्य सनातन सुधा अनूपा
हंसारूढ़ सितम्बर धारी, स्वर्ण कान्ति शुची गगनबिहारी
पुस्तक पुष्प कमण्डलु माला, शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला 
ध्यान धरत पुलकित हित होई, सुख उपजत दुःख दुरमति खोई
कामधेनु तुम सुर तरु छाया, निराकार की अदभुत माया 
तुम्हरी शरण ग्रहे जो कोई, तरेई सकल संकट सो सोई 
     सरश्वती लक्ष्मी तुम काली, दीपेइ तुमहारी ज्योति निराली
तुमहरी महिमा पार न पावें, जो शारद शतमुख गुण गावेंइ 
चार वेद की मातु पुनीता, तुम ब्रह्माणी गौरी सीता 
महा मंत्र जितने जग माहीं, कोऊ गायत्री सम नाहीं
सुमिरत हित में ज्ञान प्रकासेई, आलस पाप अविद्या नासेई
सृष्टि बिज जगजननी भवानी, कालरात्रि वरदा कल्याणी
ब्रह्मा विष्णु रूद्र सुर जे ते, तुम सों पावेई सुरता ते ते 
तुम भक्तन की भक्त तुम्हारे, जननिहिं पुत्र प्राण ते प्यारे 
महिमा अपरंपार तुमहारी, जय जय जय त्रिपदा भयहारी
पूरित सकल ज्ञान विज्ञाना, तुम सम अधिक न जग में आना 
तुमहिं जानी कछु रहेई न शेषा, तुमहिं पाय कछु रहे न कलेशा 
जानत तुमहिं, तुमहिं हवेइजई, पारस परसि कुधातु सुहाई
तुम्हरी शक्ति दीपेइ सब ठाई, माता तुम सब ठौर समाई
ग्रह नक्षत्र ब्रह्मांड धनेरे, सब गतिवान तुम्हारे प्रेरे
सकल सृष्टि की प्राण विधाता, पलक पोषक नाशक त्राता
मातेश्वरी दया व्रत धारी, तुम सन तरे पातक भारी
जापर कृपा तुम्हारी होई, तापर कृपा करे सब कोई
मंद बुध्धि ते बुध्धि बल पावेंइ, रोगी रोग रहित हो जावें
दारिद्र मिटे कटेइ सब पीरा, नासेई दुःख हरेई भाव भीरा  
गृहकलेश चित चिन्ता भारी, नासेई गायत्री भय हारी
संततिहीन सुसंतति पावें, सुख संपति युत मोद मनावें
भुत पिशाच सबई भय खावें, यम के दूत निकट नहीं आवे
जो सधवा सुमिरे चित लाए, अक्षत सुहाग सदा सुखदाई   
घर वर सुख प्रद लहेंइ कुमारीं, विधवा रहे सत्य व्रतधारी
जयति जयति जगदम्ब भवानी, तुम सम और दयालु न दानी 
जो सदगुरु सों दीक्षा पावें, सो साधन को सफल बनावें
सुमिरन करे सुरुचि बडभागी, लहेई मनोरथ ग्रही विरागी
अष्टसिध्धि नवनिधि  की दाता, सब समर्थ गायत्री माता 
ऋषि मुनि जती तपश्वी जोगी, आरत अर्थी चिंतित भोगी
जो जो शरण तुम्हारी आवे, सो सो मन वांछित फल पावें
बल बुध्धि विद्या शील स्वभाऊ, धन वैभव यश तेज उछाऊ
सकल बढें उपजे सुख नाना, जो यह पाठ करे धरि ध्याना.

(दोहा)
यह चालीसा भक्तियुत, पाठ करे जो कोई 
तापर कृपा प्रसन्नता, माँ गायत्री की होय                
                

               
                                                                        

Shri Gayatri Mantra

gaaya~aI maM~a

² Aokdntaaya iva|ho vak`tauNDaya QaImaih 
               tannaao dinta: pa`caaodyaata\ aa
² tatpau#Yaaya iva|ho mahadovaaya QaImaih 
            tannaao #$: pa`caaodyaata\ aa
² naarayaNaaya iva|ho vaasaudovaaya QaImaih 
tannaao ivaYNau: pa`caaodyaata\ aa
² dovyaO ba`|aNyaO iva|ho mahaSak\tyaO ca QaImaih 
tannaao dooiva pa`caaodyaata\ aa
² mahalaxmaI ca iva|ho ivaYNaupatnaI ca QaImaih 
tannaao laxmaI: pa`caaodyaata\ aa
² Baaskraya iva|ho mahVuitakraya QaImaih 
tannaao Aaidtya: pa`caaodyaata\ aa

Wednesday, February 16, 2011

Shri Shiv Chalisa

शिव चालीसा 

(दोहरा)
जै गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान
कहत अयोध्या दास तुम, देह अभय वरदान     

जै गिरिजापति दीनदयाला, सदा करत सन्तन प्रतिपाला 
भाल चन्द्रमा सोहत नीके, कानन कुंडल नागफनी के 
अंग गौर शिर गंग बहाये, मुंडमाल तन क्षार लगाये
वस्त्र खाल वाघम्बर सोहे, छवि को दखि नाग मुनि मोहे 
मैं ना मातु की हवे दुलारी, वाम अंग सोहत छवि न्यारी                 
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी, करत सदा शत्रुन क्षयकारी 
 नंदी गणेश सौहे तहं कैसे, सागर मध्य कमल है जैसे 
कार्तिक श्याम और गणराऊ, या छवि को कही जात न काउ 
देवन जपहिं जाप पुकारा, तबही दु:ख प्रभु आप निवारा 
कियो उपद्रव तारक भारी, देवन सब मिली तुम्ही जुहारी 
तुरत षडानन आप पठाचउ, लवनिमेश महं मारी गिरायउ
आप जालंधर असुर संहारा, सुयश तुम्हारा विदित संसारा 
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई, तबहीं कृपा कर लीन बचाई 
किया तपहिं भगीरथ भारी, पुरव प्रतिज्ञा तासु पुरारी 
दानिन महं तुम सम कोई नाहीं, सेवक स्तुति करत सदाही 
वेदमाहीं महिमा तुम गाई, अकथ अनादी भेद नहीं पाई
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला, जरत सुरासुर भए विहाला
कीन्ह दया तहं करी सहाई, नीलकंठ तब नाम कहाई 
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा, जीत के लंक विभीषण दीन्हा 
सहस कमल में हो रहे धारी, किन्ही परीक्षा तबहीं त्रिपुरारी 
एक कमल प्रभु राखेउ जोई, कमल नैन पूजन चहुं सोई 
कठिन भक्ति देखि प्रभु शंकर, भये प्रसन्न दिए इच्छित  वर 
जय जय जय अनन्त अविनाशी, करत कृपा सबके घटवासी 
दुष्ट सकल नित मोहि सतावें, भ्रमत रहों मोहि चैन न आवे 
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारों, यह अवसर मोहि आन उबारों
 माता-पिता भ्राता सब कोई, संकट में पूछत नहीं कोई 
स्वामी एक है आस तुम्हारी आय हरहु मम संकट भारी 
धन निर्धन को देत सदाहीं, जो कोई जचेसो फल पाहीं 
स्तुति केहिं विधि करे तुम्हारी, क्षमहु नाथ अब चुक हमारी 
शंकर ही संकट के नाशन, विघ्न विनाशन मंगल कारन 
योगी यति मुनि ध्यान लगावें, नारद शारद शीश नमावें 
नमो नमो जय  नमः शिवाय, सुर ब्रह्मादिक पर न पाय
जो यह पथ करे मन लाई, त पर होत है शम्भू सहाई
ऋषियों जो कोई हो अधिकारी, पथ करे सो पावन हारी  
पुत्रहीन कर इच्छा, निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई 
पंडित त्रयोदशी को लावे, ध्यान पूर्वक होम करावे 
त्रयोदशी व्रत करे हमेशा, तन नहीं तोके रहे कलेशा 
धुप दीप नैवैध्य चढ़ावे, शंकर सम्मुख पाठ सुनावे 
जन्म जन्म के पाप नसावे, अन्त वास शिवपुर में पावे 
नित नेम उठी प्रात: ही, पाठ करें चालीसा 
तुम मेरी मनोकामना पूर्ण करो जगदीश             
     
                        

Wednesday, February 9, 2011

Shri Ram Stuti

श्री राम स्तुति 
श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन: हरण भवभय दारुणं
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं

कंदर्प अगणित अमित छबी नवनील नीरद सुन्दरम 
पटपीत मान हु  तड़ित रूचि शुचिनौमी जनकसुतावरम 

भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्यवंश निकन्दनं 
रधुनन्द आनंद कंद कौशलचंद दशरथनंदनम 

शिर मुकुट तिलक चारू उदारु अंग विभुषनम
आजानभुज शर चापधर संग्रामजीत खर दूषनम

इति वदति 'तुलसीदास' शंकर शेष मुनिमनरंजनम
मम हृदयकुंज निवास कुरु कामादिखलदलगंजनम